Sunday, 5 January 2025

बहानेबाज अधिकारी

निर्माण की डेडलाइन बीत गई, काम शुरु नहीं हुआ

120 दिनों में होना था निर्माण कार्य, 180 से बीत गए काम शुरु नहीं हुआ


डबवाली।
पंचायती राज विभाग के अधिकारी इस कद्र लापरवाह हैं कि निर्माण कार्य का टेंडर करके भूल जाते हैं। तभी तो निर्माण कार्य की समयावधि बीत जाती है, लेकिन कार्य पूरा होना तो दूर की बात शुरु ही नहीं होता। ऐसा ही एक मामला गांव सकताखेड़ा में सामने आया है। मामला सामने आने के बाद पंचायती राज विभाग के अधिकारी बहानेबाजी करने लगे हैं।
जाने....यह है मामला
गांव सकताखेड़ा में जलघर से महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती कालोनी की ओर एक रास्ता जाता है। जोकि कच्चा है। इस रास्ते को पक्का करने के लिए टेंडर हुआ था। करीब 45 लाख रुपये की लागत से ईंटों से रास्ता पक्का होना था। बकायदा जून 2024 मंे निर्माण कार्य के शुभारंभ का पट्ट लगा दिया गया। लेकिन ठेकेदार ने कार्य शुरु नहीं किया। नियमानुसार कार्य 120 दिन की अवधि में होना चाहिए था। लेकिन 180 से ज्यादा दिन बीतने के बावजूद कार्य पूरा होना तो दूर की बात शुरु ही नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने पंचायती राज विभाग के लापरवाह अधिकारियों तथा ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि मामूली सी बारिश के कारण रास्ता कीचड़ में बदल जाता है।
----
इधर, नया राजपुरा की मुख्य टूटी पड़ी
इधर गांव नया राजपुरा निवासी बलदेव कुमार, ठंडू राम, पूर्व सरपंच हीरा लाल, पिंकी सेठ, जयचंद, मुंशी राम, जगसीर सिंह आदि ने बताया कि हर गांव की पहचान गांव की मुख्य गली या फिरनी से होती है। नया राजपुरा गांव की की फिरनी तो है नहीं, लेकिन मुख्य बाजार में हालात ये हैं कि पैदल जाना है तो चप्पल उतारकर जाना पड़ेगा। इस गली को बने हुए करीब 20 साल हो गए हैं। लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं। पंचायत से पूछा जाता है तो कहते हैं कि बुधवार को काम शुरु होगा। बुधवार के चक्कर में नई पंचायत के दो साल बीत गए हैं। लेकिन बुधवार नहीं आया।
----
रास्ते की निशानदेही न होने के कारण मामला उलझा हुआ था। उसके बाद चुनाव आ गए। अब पंचायत ने निशानदेही करवा दी है। जल्द निर्माण कार्य शुरु करवाया जाएगा।
-पिरथी राज रिवाड़िया, एसडीओ, पंचायती राज विभाग डबवाली

No comments:

Post a Comment

संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज की जीवन गाथा

विशाल वार्षिक फाल्गुन मेले के अवसर पर संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज की जीवन गाथा -13 मार्च को गांव पन्नीवाला रुलदू में स्थित समाध स्थल पर ल...