Wednesday, 12 March 2025

संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज की जीवन गाथा

विशाल वार्षिक फाल्गुन मेले के अवसर पर संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज की जीवन गाथा

-13 मार्च को गांव पन्नीवाला रुलदू में स्थित समाध स्थल पर लगेगा मेला



जिला सिरसा के उपमंडल डबवाली में कालांवाली सड़क मार्ग पर गांव पन्नीवाला रुलदू में सूर्य भगवान के उपासक एवं महान तपस्वी संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज ने अपने जीवन के अंतिम समय में गांववासियों के बीच भविष्यवाणी करते हुए कहा कि मेरे सेवक स. जग्गर सिंह पहलवान को बुलाओ, क्योंकि मैंने बुधवार को सुबह 10 बजे चोला छोड़ना है। स. जग्गर सिंह अपने किसी दोस्त के पास गांव खुईयां मलकाना गए हुए थे। श्रद्धालुओं द्वारा रात को ही उन्हें वहां से बुलाया गया। उन्होंने कुटिया में पहुंचकर संतों के वचन सुनकर कहा कि महाराज जी आपके चले जाने के पश्चात् हमारा क्या होगा? यह सुनकर संतों ने वचन दिया कि प्रत्येक वर्ष गेहूं फसल की कटाई के पश्चात गांववासी गेहूं की रोटी का मीठा चूरमा बनाकर गांव में प्रसाद बांटते रहना, आप सदैव खुशहाल रहेंगे। यह कह कर संत वर्ष 1950 में गांव पन्नीवाला रुलदू के खेतों में अपने तप स्थान पर जिंदा समाधि लेकर ज्योति जोत समा गए। उस दिन अस्सु माह की अमावस्या थी। उनकी समाधि का निर्माण महान संत श्री बसंत दास जी द्वारा करवाया गया।
उल्लेखनीय है कि संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज बीकानेर (राजस्थान) के नजदीक किसी गांव से चलकर गांव हैबुआना के बस अड्डा पर सड़क के किनारे झोपड़ी में रहकर सूर्य भगवान की आराधना कर रहे थे।  जब यह जानकारी गांव पन्नीवाला रुलदू के ग्रामीणों को मिली तो वह संतों के पास पहुंचकर फरियाद करने लगे कि आप हमारे गांव चलें। लेकिन संतों द्वारा वहां जाने के लिए मना करने पर गांव से स. जवाहर सिंह एवं स. चंद सिंह आदि कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इन संतों के पास फरियाद लेकर पहुंचे कि आप हमारे गांव चलें। तब संत उनके अनुग्रह पर सहमत होकर गांव पन्नीवाला रुलदू आ गए। संत यहां कुछ समय गांव में एक कच्चे मकान में रहने के पश्चात गांव के पास रेत के टीले पर झोपड़ी बनाकर रहने लगे। यहां पर उन्होंने सूर्य भगवान की आराधना की। संतों के श्रद्धालुओं के मुताबिक वह पूरा-पूरा दिन रेत के टीलों पर लेटकर अपनी नज़र सूर्य भगवान की ओर लगाकर कठोर तपस्या किया करते थे। संत एक मस्त मौला फकीर थे। उन द्वारा अपने जीवनकाल में की गई सभी भविष्यवाणी लगभग पूरी हुई हैं। संत हर समय राधेश्याम-राधेश्याम का उच्चारण किया करते थे।
वैद्य लाल चंद शर्मा जिनकी बचपन से ही संतों के प्रति अगाध श्रद्धा थी। उनके साथी जब गांव की गलियों में गिल्ली-डंडा, कंचे खेल रहे होते थे वह उस समय संतों की कुटिया में प्रवचन सुन रहे होते थे। एक बार जब वह कुटिया में संतों के पास बैठे थे, उस समय संत चिलम का कश लगा रहे थे कि अचानक ही मौन बैठे संतों ने कहा कि ऐ कागले आ मैं तेरे को एक खेल दिखाता हूं, तूं बच्चों के साथ तो खेलता नहीं मैं तुम्हारे साथ खेलता हूं, डरना मत। यह कहते हुए संतों ने चिलम का एक जोरदार कश लगाने से उनकी चिलम बांसुरी के रूप में परिवर्तित हो गई। संत स्वयं भी भगवान श्रीकृष्ण के रूप धारण कर गए। यह देखकर बच्चे डर कर वहां से अपने-अपने घर भाग गए। उस समय वैद्य जी की उम्र लगभग 10-11 वर्ष थी, वह अपने मिलने वालों एवं गांववासियों के बीच बैठकर संतों की कहानियां सुनाया करते थे। संत बच्चों को कागला अर्थात कौआ कहकर ही पुकारते थे। जबकि छोटी-छोटी बच्चियों को वह चिडिया कहा करते थे। गांव का भू-जल बहुत ही खारा था। जब किसी गांववासी ने पानी का नलका लगवाना होता था, वह संतों के पास फरियाद लेकर पहुंचता था, संत जमीन पर अपनी लाठी से एक गोला खींच देते थे। उसी स्थान पर लगाए जाने वाले नलके से मीठा पानी ही निकलता था। एक बार कुछ गांववासी भूल वंश संतों से बिना पूछे नलके के लिए भूमि की खुदाई कर रहे थे। उस समय अचानक संत वहां से गुजरते हुए सहज स्वभाव से बोले, भाई तुम्हारी गरारी कह रही है खर्च खाऊं,पानी खारा परिणाम स्वरूप वहां से खारा पानी ही निकला। संतों ने सभी गायत्रियां सिद्ध की हुई थीं। गुरबाणी भी संपूर्ण रूप से उनके कंठस्थ थी। बेपरवाही-परमात्मा के अनेकों गुणों में से एक है। संत भी बड़े बेपरवाह, मस्त मौला स्वभाव के धनी थे। जब वह अपनी मौज में होते थे तब वह समाज के नियमों की परवाह नहीं किया करते थे। जनसाधारण समाज की मर्यादा के दायरे में बंधे होते हैं जबकि संत इस दायरे से स्वतंत्र होते हैं। एक बार ऐसा ही हुआ कि एक श्रद्धालु महिला ने संतों से श्री गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ करवाने के लिए प्रार्थना की। संतों ने यह स्वीकार कर लिया। संत पाठ का प्रकाश कर रहे थे कि उस समय श्रद्धालु महिला संतों से पूछ बैठी की महाराज भोग कब डालोगे। यह सुनकर संत तरंग में आकर बोले कि पाठ बाद में कर लेंगे पहले भोग ही डाल देते हैं। यह कह कर संत पाठ की बख्शीश कर वहां से आ गए। जिस समय गांव में प्लेग की महामारी फैल चुकी थी उस समय स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में लोग बड़ी संख्या में अकाल मृत्यु को प्राप्त हो रहे थे, परंतु संतों की महिमा अवर्णनीय है जिसको भी संत धुने की भभूति दे देते वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता था।

एक बार गांव शेरगढ़ की महिला बाबा जी की समाध पर माथा टेकते हुए कह रही थी कि हे बाबा- जिवें दित्ते हन हुण किमट वी उस समय वैद्य लाल चंद शर्मा भी समाध पर उपस्थित थे। उन्होंने महिला की यह फरियाद सुनकर उससे पूछा कि इसका क्या अर्थ है। उस महिला ने बताया कि बात उन दिनों की है जब मेरी शादी को कुछ ही समय हुआ था परिवार के सभी सदस्य फसल कटाई के लिए खेतों में गए हुए थे मैं घर में अकेली ही थी। दोपहर का समय था मैं घर के दरवाजे में बैठी हुई थी। अचानक संत दरवाजे पर आ पहुंचे कड़कती आवाज में बोले ऐ बेटा पानी पिला मैं चुपचाप अंदर से पानी की गड़वी लेकर आई संतों ने अपने हाथ पानी पीने के लिए अपने मुंह की ओर किए। मैंने गड़वी से पानी पिला दिया। उस समय मैं मंत्रमुग्ध होकर अंदर से पानी की गड़वी लेकर आती और संतों को पानी पिलाती गई। मैंने उन्हें सात बार पानी पिलाया। सातवीं गड़वी पीने के बाद संत बोले ऐ बेटा बस भी कर- तेरे सात बेटे होंगे। यह कहकर संत चले गए। उनका यह आशीर्वाद सत्य हुआ। मेरे सात बेटे हुए। सभी बच्चे विवाह योग्य उम्र में हैं लेकिन शादी की कोई बात सिरे नहीं चढ़ रही, इसलिए मैं बाबा जी से यही फरियाद कर रही थी कि जैसे आपने पुत्रों की दात दी है अब उनकी शादी भी आप ही करवा दो। यह सुनकर वैद्य जी बहुत ही रोमांचित हुए कि संतों द्वारा पानी की सात गड़वियों के बदले सात पुत्रों का दिया गया वरदान सत्य प्रमाणित हुआ।  
गांव पन्नीवाला रूलदू में बने प्रसिद्ध उदासीन डेरा में जिस दिन महान संत बसंत दास जी को डेरा की गद्दी दी जा रही थी, उस समय वहां आयोजित धार्मिक समारोह में भारी संख्या में साधु-संत बाहर से पहुंचे हुए थे। उनमें से पांच साधु-संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज जी के पास उनके दर्शन करने के लिए पहुंचे। उन्होंने देखा कि यह कोई साधारण साधु-संत नहीं हंै बल्कि बहुत बड़ा चमत्कारी फकीर है। उनको पता चला कि यहां पर उनके पास बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। उन्होंने इसकी जानकारी संत श्री बसंत दास जी को दी। गांव में पानी की भारी कमी और जमीन रेतीली थी। यही कारण था कि गांव बरानी पन्नीवाला रूलदू के नाम से ही जाना जाता था। गांववासी इक_े होकर संतों से जब भी वर्षा के लिए फरियाद करते तो संत गांव वासियों को मीठा चूरमा बनाकर छोटी-छोटी कन्याओं को खिलाने के लिए कहते। गांववासियों द्वारा कन्याओं को चूरमा खिलाते-खिलाते ही गांव में बरसात शुरू हो जाती थी। इस खुशी में गांव वासी इक_े होकर नाचते-गाते हुए भजन करते एवं संतों का आभार व्यक्त करते थे। गांव पान्ना में एक बार चमत्कारी ढंग से हो रही वर्षा को भी बाबा जी ने अपने वचनों से बन्द करवाकर डूब रहे गांव पाना वासियों को बचाया। यह भी एक ऐतिहासिक घटना है।
पं. तुलसी राम पुत्र श्री आसा राम जोकि बाबा जी की सेवा किया करते थे, बाबा जी ने खुश होकर उनको एक मु_ी कनक (गेहूं) देकर कहा कि यह कनक (गेहूं) अपने घर जाकर बखारी में डाल देना। जब भी जरूरत पड़े कनक (गेहूं) निकालकर जरूरत पूरी कर लेना। इस बात की जानकारी किसी अन्य व्यक्ति को नहीं देना। यह कार्य तीन वर्ष तक चलता रहा। पं. तुलसी राम गांव में पड़े अकाल के समय में भी कनक (गेहूं) से कभी भी वंचित नहीं रहे। एक दिन उसका एक नजदीकी रिश्तेदार पं. दयाराम उनसे लगभग 20 किलो कनक (गेहूं) उधार ले गया, जोकि बाबा जी द्वारा दिए गए वचनों के अनुकूल नहीं था। जैसे ही अगले दिन बखारी से पं. तुलसी राम ने कनक (गेहूं) निकालनी चाही तो वह बखारी उन्हें खाली मिली। इन दिनों संत मौड़ मण्डी के पास गांव कलो कोटली चले गए थे। पं. तुलसीराम भी फरियाद लेकर संतों के पीछे पहुंच गए। वहां पर जाकर पं. तुलसी राम ने संतों से फरियाद करते हुए कहा कि मेरी बखारी में कनक (गेहूं) खत्म हो चुकी है। संतों ने कहा कि उनके पास अब कुछ भी नहीं है, लेकिन फिर भी संतों ने दया करते हुए पंडित जी को आशीर्वाद दिया कि आप जिन्दगी में कभी भी भूखे नहीं रहेंगे। अत: पंडित जी के जीवन में ऐसा ही हुआ। जोकि सभी गांववासियों ने अपनी आंखों से देखा। आजादी के पश्चात संत लाठी की जगह गन्धाला रखने लगे थे। संत एक दिन कुटिया में बैठे कुछ भक्तों से बोले कि चलो तुम सभी को घुमाकर लाएंं। इस पर भक्त बोले कि महाराज बाहर जाने में खतरा है, हर जगह दंगे ही दंगे हो रहे हैं। संतों ने कहा कि मैं हूं ना...। तुम्हें कोई भी छू तक नहीं सकता। यह सुनकर श्रद्धालु आश्वस्त होकर संतों के साथ चल पड़े। संत बड़े बेपरवाह एवं निडर थे। जहां भी मुसलमानों की टोली दिखाई देने पर संत हर-हर महादेव का जयघोष करने लगते। जब भी मुसलमानों की कोई टोली उन पर आक्रमण करने का प्रयास करती, उस समय संत अपने श्रद्धालुओं के इर्द-गिर्द गन्धाले से गोल दायरा खींच दिया करते। स्वयं अपना गन्धाला अपनी तर्जनी उंगली से इतनी तेजी से घुमाते कि वह सुदर्शन चक्र की तरह घूमता प्रतीत होता। आक्रमण करने वाली टोली एकदम सहम कर पीछे हट जाती। आश्चर्य की बात यह रही कि श्रद्धालुओं के इर्द-गिर्द लगाया गया गोल दायरा सुरक्षा चक्र बन जाता। ऐसा चमत्कार था कि श्रद्धालु दायरे के अंदर खड़े आक्रमणकारी टोली को दिखाई नहीं देते थे। संतों ने अपनी दिव्य शक्ति से साथ गए श्रद्धालुओं को अदृश्य कर दिया। ऐसी ही घटना हिन्दू टोली के संदर्भ में हुई। कोई हिन्दू टोली दिखाई देती तब संत श्रद्धालुओं के इर्द-गिर्द गन्धाले से गोलदायरा खींचकर बोलते अल्लाह हू अकबरÓ। तब श्रद्धालुु उनके लिए अदृश्य हो जाते। संत फिर गन्धाले को तेजी से सुदर्शन चक्र की तरह घुमाने लगते। संतों के जीवन की ऐसी बहुत सी सत्य कहानियां हैं।  
गांव कलो कोटली के गांववासियों ने गांव में वर्षा के लिए संतों से फरियाद की। जिस पर उन्होंने वहां हवन यज्ञ शुरू करवाया। उस समय भीषण गर्मी का मौसम था, फिर भी संतों ने गांववासियों से कहा कि मेरे ऊपर 9 रजाइयां डालकर आप कन्याओं को चूरमा खिलाओ, यह कहते ही वर्षा शुरू होने के साथ ही चमत्कारी ढंग से आसमानी बिजली हवन कुण्ड में आ गिरी। फिर संत गांववासियों को सदा खुशहाल रहने के लिए आशीर्वाद देकर वापिस गांव पन्नीवाला रूलदू लौट आए। उनकी भविष्यवाणी के पश्चात ही गांव पन्नीवाला रूलदू से भाखड़ा नहर निकली। आज उनका समाधि स्थल भी इस नहर के साथ ही खेतों में बना हुआ है। उनके जीवन की बहुत सी अद्भुत चमत्कारों की जानकारी गांव के पुराने बुजुर्ग देते हुए कहते हंै कि हमारे गांव में संतों की कृपा से आज गांव पन्नीवाला रूलदू पूरा खुशहाल है। हमारे यहां गांव में कभी भी कोई फसल आंधी या तूफान आने से खराब नहीं हुई है। उनके समाधि स्थल पर प्रतिदिन गांव एवं अन्य शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु मनोकामनाएं पूरी होने पर समाधि स्थल पर संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज की प्रतिमा के समक्ष देसी घी की ज्योतियां प्रकाश कर धूप लगाने उपरांत देसी घी का चूरमा, हलवा एवं मिठाइयां आदि बांटते हैं। संतों द्वारा दिए गए वचनों के अनुसार कनक (गेहूं) भी चढ़ाते हैं। गेहूं का चोगा भी चढ़ाते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा यहां पर श्री अखंड पाठ, श्री रामायण पाठ, श्री हनुमान चालीसा, श्री सुंदर कांड आदि के पाठ का आयोजन भी करवाया जाता है। गांववासियों द्वारा प्रति वर्ष फाल्गुन मेला एवं अस्सु माह की अमावस्या के दिन संतों के श्राद्ध दिवस पर श्री अखंड पाठ साहिब के भोग उपरांत लंगर का आयोजन किया जाता है।
ऐसे महान संतों के चरणों में हमारा कोटि-कोटि प्रणाम
द्वारा: सेवादार सुरेंद्र सिंगला

Tuesday, 25 February 2025

डबवाली में पार्क लाइब्रेरी

डबवाली में शुरु हुई पार्क लाइब्रेरी, सैर करते पढ़ सकेंगे किताबें

स्वतंत्रता सेनानी पार्क में हिमायत फ़ाउंडेशन ने शुरू की है पार्क लाईब्रेरी




डबवाली।
डबवाली में हिमायत फ़ाउंडेशन ने बड़ी पहल की है। इस पहल को नाम दिया है पार्क लाइब्रेरी यानी चलते फिरते जहां वक्त मिले वहां किताब पढ़िए और ज्ञान बढ़ाइए। ये पार्क लाइब्रेरी वाकई मील का पत्थर साबित होगी क्योंकि कांसेप्ट नया है और कोशिश पुराने दौर में ले जाने की है। डबवाली में पहली पार्क लाइब्रेरी स्वतंत्रता सेनानी पार्क में खुल गई है।
पार्क लाइब्रेरी डबवाली में रीडिंग कल्चर को देगी बढ़ावा
हिमायत फ़ाउंडेशन के संस्थापक एडवोकेट पुनीत सिंह मसीतां व एडवोकेट अंकित कामरा का कहना है कि पार्क लाइब्रेरी डबवाली में रीडिंग कल्चर को बढ़ाने की एक छोटी सी कोशिश है। बुक रीडिंग का कल्चर सबसे शानदार कल्चर है। हमें उम्मीद है कि मोबाइल के इस युग में लोग पार्क लाइब्रेरी के कांसेप्ट को पसंद करेंगे और ज्ञान भी बढ़ाएंगे और ज्ञान भी बाटेंगे। एक वो दौर था जब कामिक्स, मैगजीन, इतिहास की किताबें हमारी दोस्त हुआ करती थी। दौर बदला तो मोबाइल से दोस्ती हो गई और किताब मानो छूट सी गई। लेकिन पार्क लाइब्रेरी उसी दौर को याद करने और कराने का भी काम करेगी। डबवाली में खुली पहली पार्क लाइब्रेरी नई उम्मीदों का नया रास्ता बनाएगी। हमें उम्मीद है कि डबवाली के लोग इसमें हमारा साथ देंगे और आगामी दिनों में सभी मिलकर डबवाली के सभी पार्कों में पार्क लाईब्रेरी खोलेंगे।
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पार्क में टहलते-टहलते किताब से जुड़ेंगे
हिमायत फ़ाउंडेशन ने लोगों से अपील की कि वो उन किताबों को डोनेट करें जो एक तरफ रख दी गई हैं और उनमें ज्ञान का सागर छिपा है। कई लोग पुरानी और कीमती किताबों को बेकार समझते हैं लेकिन यदि ये किताबें पार्क लाइब्रेरी में पहुंच जाएंगी तो उसका ज्ञान नई रोशनी का सूरज उगाएगा। इस पार्क लाईब्रेरी में अंग्रेज़ी, पंजाबी व हिन्दी भाषा की मोटीवेशनल, आत्मकथाएं, काल्पनिक एवं गैर-काल्पनिक किताबें पढ़ने के लिए रखी गई है। कोई भी निशुल्लक किताब पढ़ सकता है व पढ़ने के लिए घर ले जा सकता है। इस मुहिम का मकसद है कि कोई भी व्यक्ति पार्क में टहलते समय किताबों के ज़रिए लिट्रेचर के साथ जुड़ सके व सामान्य घरों के बच्चों को अच्छे व महंगे लिट्रेचर निशुल्लक में पढ़ने का मौक़ा मिल सके। पार्क लाईब्रेरी के ज़रिए पढने वाला किताब उठा कर पढ़ सकता है व दानी सज्जन किताब दान कर सकता है।
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करियर विकल्प तलाशने का प्रयास
हिमायत फ़ाउंडेशन का उद्देश्य डबवाली में छात्रों को भविष्य के करियर विकल्पों के बारे में जागरूक करना व बच्चों को बेहतर दिशा देने के लिए शिक्षा को लेकर काम करना है। जिससे क्षेत्र में युवाओं में बढ़ रहे नशे को भी कम किया जा सके। ग़ौरतलब है कि पिछले साल भी हिमायत फाउंडेशन ने पंजाब यूनिवर्सिटी के सहयोग से डबवाली क्षेत्र के 16 गांवों के सरकारी स्कूल में छात्रों की करियर काउंसलिंग की थी व छात्रों को करियर के साथ मासिक धर्म, स्वास्थ्य और किशोरावस्था में आने वाले बदलावों को लेकर भी जानकारी प्रदान की थी जिससे हजारों छात्रों को लाभ पहुंचा था। इस मौक़े गुरतेशवर मसीतां व हरनूर बराड़ भी मौजूद थे।
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लाइब्रेरी में रखी 30 किताबें
एडवोकेट पुनीत मसीतां ने बताया कि पार्क की दीवार पर ढाई फीट लंबा तथा चौड़ा एक बाक्स लगाया गया है। जिसमें तीन स्लेब लगाकर प्लेटफार्म बनाए गए हैं। दो प्लेटफार्म में 30 किताबें रखी गई हैं। तीसरा प्लेटफार्म खाली है। ताकि लोग डोनेट कर सकें। इससे लोग लाइब्रेरी से जुड़ेंगे। साथ ही लाइब्रेरी की संभाल करेंगे। खास तरीके की यह अलमारी या बाक्स कामरा फर्नीचर डबवाली ने डोनेट किया है।

Sunday, 23 February 2025

अक्स आशीर्वाद विवाह समारोह

संस्कृति-विरासत के रंग समेटे धूमधाम से संपन्न हुआ 21 कन्याओं का विवाह,

लायंस क्लब अक्स ने डबवाली के चौटाला रोड पर स्थित निजी होटल में आयोजित किया कार्यक्रम


डबवाली।
रविवार को डबवाली में चौटाला रोड पर स्थित निजी स्थल पर संस्कृति, सभ्यता और विरासत के रंग समेटे पांचवां अक्स आशीर्वाद विवाह समारोह आयोजित हुआ। समारोह में वंचित परिवारों की 21 कन्याओं का विवाह हुआ। 16 सिख, चार हिंदू तथा एक विवाह ईसाई धर्म की परपंरा के अनुसार आयोजित हुआ। समारोह का आयोजन लायंस क्लब अक्स की ओर से किया गया था।
पलवल के ब्रज लाक संगीत एवं सभ्याचारक नगाड़ा दल के नौ सदस्य बेहद खूबसूरत अंदाज में बारातियों, घरातियों तथा अतिथियों का अभिनंदन कर रहे थे। उसके आगे बठिंडा के रणधीर सिंह धुन्ना एंड पार्टी ने विरासत मेला लगाया हुआ था। जिसमें महिलाएं पंजाब की लोक संस्कृति के अभिन्न अंग रहे पहलुओं को उजागर करते हुए चरख कात रही थी, तो एक महिला हथ चक्की चलाकर कनक को पीस रही थी। चमड़े के तराजे के बारे में लोग जानकारी जुटाते नजर आए। लखनउ से पहुंचा हरिओम पपेट ग्रुप कठपुतली नृत्य तथा मनमोहन एंड पार्टी साइंस मिराकल ग्रुप खास आकर्षण रहा। लोग कठपुतली नृत्य को अपनी मोबाइल कैमरे के जरिए मोबाइल में कैद करते नजर आए। सेवन स्टार म्यूजिकल ग्रुप के तरुण राठौर, विजय रामावत, भोला नागराज ने अपनी टीम के साथ कराओके सिंगिंग से माहौल में कला के रंग भर दिए। वहीं, प्रदीप रहेजा, नताशा सेठी, बीएल सागर, नरेश शर्मा, निमित्त गर्ग तथा तनुष बंसल भी अपनी गायन कला से खुशियों के इस माहौल को यादगार बना दिया।
भव्य विवाह उत्सव में अंग्रेज विरदी एंड ग्रुप के सदस्य इस शुभ अवसर पर कोरियोग्राफी के माध्यम से दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा डगा भंगड़ा अकेडमी ग्रुप अपने पंजाबी सभ्याचारक नृत्य झूमन से माहौल में उल्लास भरने का काम किया। विरासत मेला पंडाल में मोगा से शिल्प कलाकार हरबंस सिंह व बलवंत सिंह अपनी टीम के साथ अपनी शिल्प कला के माध्यम से बनी कलाकृतियों के जरिए पुरातन विरासत से रूबरू करवाया। जयपुर से राजस्थान इवेंट मैनेजमेंट के मोहित शर्मा, पार्टी बिग पपेट डांस ग्रुप के साथ अपनी कला से समारोह को सराबोर कर दिया।
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शख्सियतों ने दिया नवयुगलों को आशीर्वाद:
इस भव्य समारोह में सिरसा से पद्मश्री अवार्डी गुरविंदर सिंह अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे। नव युगलों को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा कि 21 कन्याओं के विवाह का यह आयोजन बेमिसाल है। मानव सेवा के इस कार्य के लिए लायंस क्लब अक्स की जितनी भी सराहना की जाए कम है। समारोह में हरियाणा बीज विकास निगम के चेयरमैन देव कुमार शर्मा, एचएसएससी के सदस्य सुभाष रोलन, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन बलदेव सिंह मांगेआना, कुलदीप गदराना, संजय हिटलर, रानियां से पुनीत बांसल, रवि मोंगा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने पहुंचकर नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया।
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सामाजिक बुराइयों के खिलाफ चला हस्ताक्षर अभियान:
प्रकल्प प्रबंधक अरविंदर टोनू मोंगा व क्लब प्रधान ऋषि मित्तल ने बताया कि समारोह में नशाखोरी, कन्या भ्रूण हत्या और बिगड़ते पर्यावरण के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान के तहत नवविवाहित जोड़ों और मेहमानों ने बोर्ड पर हस्ताक्षर करके सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान का समर्थन किया व सहयोग का वादा भी किया।


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स्त्रीधन के तौर पर दिया गया यह सामान:
सचिव कमलकांत दुरेजा व कैशियर लक्की गुप्ता ने बताया कि हर नव विवाहित युगल को स्त्री धन के रूप में डबल बैड बॉक्स वाला, 11 सूट, लहंगा, सोने की नोज पिन, चांदी की पायल, संदूक पेटी, 4 कुर्सियां, मेज, सिलाई मशीन, पंखा, प्रैस, 51 बर्तन का सेट, प्रेशर कुकर, डबल कंबल, बेड शीट्स, खेस, गद्दे, सिरहाने, मिठाई, केक, 5-5 पौधे गमले सहित एवं घरेलू जरूरत का अन्य सामान स्त्रीधन उपहार के रूप में इलाका वासियों के सहयोग से दिया।
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विवाह समारोह में घरातियों, बारातियों तथा अतिथियों की आवभगत के लिए संस्कृति, सभ्यता और विरासत मेला थीम पर आधारित शानदार प्रबंध थे। धूमधाम से संपन्न हुआ यह बेहद ही अनूठा विवाह आयोजन लायंस क्लब अक्स द्वारा संस्थापक सतीश जग्गा के सानिध्य में मांगलिक हवन के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ। इसमें सस्थापक सतीश जग्गा, संभागीय अध्यक्ष अरविंदर मोंगा, प्रधान ऋषि मित्तल, अजय सेठी, प्रो. बीर चंद गुप्ता, लक्की गुप्ता, संदीप चावला, अमन बांसल सहित अन्य सदस्यों ने हवन में आहुतियां देकर समारोह का शुभ आगाज किया।

Saturday, 22 February 2025

दादा देवीलाल की राह पर पौता अदित्य



किसानों को एमएसपी दिलाने के लिए ड्राफ्ट तैयार करेंगे आदित्य चौटाला

नेशनल काउंसिल आफ स्टेटस एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की विशेषज्ञ समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं आदित्य

दिल्ली में आयोजित हुई कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति के लिए बनी विशेषज्ञ समिति की बैठक

डबवाली (डीडी गोयल)।

एक जमाना था जब चौधरी देवीलाल ने किसानों के लिए संघर्ष किया था। अब उनका पौता विधायक आदित्य चौटाला दादा के रास्ते पर चल दिया है। आदित्य जो हैं, वे देशभर के किसानों को फसलों का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) दिलाने का प्रयास करेंगे। वे इसके लिए बकायदा ड्राफ्ट तैयार करेंगे। जिसे केंद्र सरकार के आगे प्रस्तुत किया जाएगा। शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित काउंसिल आफ स्टेटस एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की विशेषज्ञ समिति में यह सब तय हुआ। दरअसल, आदित्य चौटाला कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति के निर्माण हेतू बनाई गई विशेषज्ञ समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

बैठक के बाद ANN से बातचीत करते हुए आदित्य देवीलाल ने बताया कि बैठक में एमएसपी को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सरकार फसलों का एमएसपी तय करती है, लेकिन किसान को एमएसपी नहीं मिलता। किसान के खेत में पैदा होने वाला अनाज कौड़ियों के भाव बिकता है। जबकि दुकान या अन्य स्थान पर जाकर उसका मूल्य कई गुणा बढ़ जाता है। इससे किसान को लाभ नहीं होता। इसके पीछे मार्केटिंग को कारण माना गया। आदित्य देवीलाल के अनुसार गेहूं के सीजन के दो माह बाद गेहूं का मूल्य प्रति क्विंटल 200 या इससे अधिक बढ़ जाता है। जबकि किसान एमएसपी पर फसल बेचने के लिए भी संघर्ष करता है। उक्त विषय पर लंबी चर्चा हुई। कुछ सवाल सामने आए कि कहीं देशभर में कुछ लोगों ने पूल तो नहीं कर रखा या फिर मार्केटिंग में कमी है? किसानों को एमएसपी दिलाने के लिए पहले सभी राज्यों के साथ बैठक की जाएगी। बाद में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत की जाएगी। फिर एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। किसानों को फसलों का एमएसपी दिलाने के लिए ड्राफ्ट केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा।

मंडी सिस्टम नहीं होगा खत्म

राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य देवीलाल ने कहा कि निजीकरण को बढ़ावा नहीं देंगे। इससे किसान को नुकसान होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंडी सिस्टम किसी सूरत में खत्म नहीं होने देंगे। हरियाणा में करीब 250 मंडियां हैं। इन मंडियों को बेहतर बनाकर मजबूतीकरण करने का इरादा है। इस पर भी आज विस्तृत चर्चा हुई है। मंडियों को बढ़ावा दिया जाएगा।

विशेषज्ञ समिति में ये लोग शामिल

किसानों को फसलों का बेहतर भाव दिलाने के लिए बनी विशेषज्ञ समिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य देवीलाल के अलावा उपाध्यक्ष अशोक डलवई, सदस्य गोकुल पटनायक, आइएएस प्रवेश शर्मा, आइआइएम सुखपा सिंह, पूर्व चेयरमैन अजय जाखड़, डा. हेमा यादव, डा. जेएस यादव शामिल हैं। ये समिति 31 मार्च 2025 तक राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति का प्रारुप तैयार करेगी।

सजकर तैयार है विशाल विवाह पंडाल

सजकर तैयार है विशाल विवाह पंडाल, भव्य और शानदार तरीके से करेंगे 21 बेटियों की विदाई

पांचवें अक्स आशीर्वाद समारोह में वर वधू को आशीर्वाद देने के लिए उमड़ेगा इलाका

हस्ताक्षर अभियान के तहत एक बोर्ड पर हस्ताक्षर करके सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान का समर्थन करेंगे नवविवाहित जोड़े एवं मेहमान





डबवाली :

21 बेटियों के सामूहिक विवाह समारोह के लिए ओम होटल का पंडाल भव्य तरीके से सजधज कर तैयार है। रविवार को आयोजित किए जा रहे इस समारोह में डबवाली इलाके के लोग सम्मानपूर्वक मेजबानी करते हुए बारातियों की आवभगत करेंगे और हर रस्मो-रिवाज पूर्ण करवाते हुए बेटियों को बड़े ही शानदार तरीके से विदाई देंगे। समारोह में नशाखोरी, कन्या भ्रूण हत्या और बिगड़ते पर्यावरण के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान के तहत नवविवाहित जोड़े और मेहमान एक बोर्ड पर हस्ताक्षर करके सामाजिक बुराइयों के खिलाफ इस अभियान का समर्थन करेंगे और इन अभियानों और प्रचारकों का सहयोग करने का वादा करेंगे।

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कठपुतली नाटक दिखाएगा पपेट ग्रुप

बारातियों, घरातियों तथा अतिथियों का अभिनंदन पलवल से नौ सदस्य बृज लोक संगीत तथा सभ्याचारक दल करेगा, लखनऊ से हरिओम पपेट ग्रुप कठपुतली नाटक दिखाएगा, मनमोहन एंड पार्टी विज्ञान के चमत्कार पेश करेगी, सेवन स्टार म्यूजिकल ग्रुप के तरुण राठौर, विजय रामावत, भोला नागराज अपनी टीम के साथ कराओके सिंगिंग से माहौल में कला के रंग भरेंगे। वहीं, प्रदीप रहेजा, नताशा सेठी, बीएल सागर, नरेश शर्मा, निमित्त गर्ग तथा तनुष बंसल भी अपनी गायन कला से खुशियों के इस माहौल में अपना योगदान देंगे। भव्य विवाह उत्सव में अंग्रेज विरदी एंड ग्रुप के सदस्य इस शुभ अवसर पर कोरियोग्राफी के माध्यम से अपनी कला के जौहर दिखाएंगे। डगा भंगड़ा अकेडमी ग्रुप अपने पंजाबी सभ्याचारक नृत्य से माहौल में उल्लास भरने का कार्य करेगा। विरासत मेला पंडाल में मोगा से शिल्प कलाकार हरबंस सिंह व बलवंत सिंह अपनी टीम के साथ अपनी शिल्प कला के माध्यम से बनी कलाकृतियों के जरिए पुरातन विरासत से रूबरू करवाएंगे। वहीं, बठिंडा से रणधीर सिंह धुन्ना एंड पार्टी इस विरासत मेले को अपनी प्रदर्शनी से और अधिक रोचक, प्रभावी तथा जानकारी से भरपूर बनायेंगे। जयपुर से राजस्थान इवेंट मैनेजमेंट के मोहित शर्मा , पार्टी बिग पपेट डांस ग्रुप के साथ अपनी कला से समारोह को सराबोर करेंगे।

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151 वालंटियर एवं 31 क्लब सदस्य संभालेंगे व्यवस्था 

उपहार वितरण समारोह में एडवोकेट देसराज प्रोमिला गोयल यूएसए, ममता जग्गा, शुभम नीलाक्षी लूना, कमल रिया सचदेवा, उमेश मधु जिंदल, एनके उषा रामावत, रोहित निशा गर्ग, डा अनिल गोयल, आनंद कैसल की टीम, एसएस जौडा तथा अपैक्स क्लब के पदाधिकारी नव विवाहित युगलों को इलाके की और से उपहार भेंट करेंगे। प्रकल्प प्रबंधक अरविंदर टोनू मोंगा व डा. आशीष गर्ग ने बताया कि समारोह को सफल बनाने के लिए 151 वालंटियर एवं 31 क्लब सदस्य समर्पण एवं मेहनत से जुटे हुए हैं। क्लब प्रधान ऋषि मित्तल तथा सचिव कमलकांत दुरेजा ने बताया कि पांचवें अक्स आशीर्वाद समारोह में इस वर्ष 21 कन्याओं का विवाह सम्पन्न करवाया जाएगा। उन्होंने सभी इलाकावासियों को समारोह में पहुंचकर वंचित परिवारों की इन कन्याओं को आशीर्वाद देने का आह्वान किया है।

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नव दंपतियों को दिया जाएगा ये सामान

अक्स कोषाध्यक्ष लक्की गुप्ता तथा उपहार वितरण समिति के संयोजक सतीश गर्ग ने बताया कि कन्याओं को आशीर्वाद के साथ डबल बैड बॉक्स वाला, 11 सूट, लहंगा, सोने की नोज पिन, चांदी की पायल, संदूक पेटी, मेज कुर्सियां, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, पंखा, प्रैस, 51 बर्तन का सेट, डबल कंबल, 2 बेड शीट, खेस, गद्दे, सिरहाने, मिठाई, नगद शगुन सहित घरेलू जरूरत का अन्य सामान स्त्रीधन उपहार के रूप में नव दंपतियों को दिया जाएगा। 

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समारोह में उपायुक्त शांतनु शर्मा होंगे मुख्य अतिथि

यह पूरा आयोजन अक्स संस्थापक सतीश जग्गा के सानिध्य में लायंस क्लब अक्स द्वारा रविवार, 23 फरवरी को ओम होटल में आयोजित किया जाएगाा। मांगलिक आयोजनों की लड़ी का शुभारंभ अक्स सदस्य हवन से करेंगे। यह जानकारी देते हए क्लब प्रवक्ता मनीष गुप्ता ने बताया कि समारोह में मुख्यतिथि उपायुक्त सिरसा आईएएस शांतनु शर्मा होंगे। डबवाली के एसडीएम आईएएस अर्पित संगल एवं पद्मश्री अवार्डी गुरविंदर सिंह अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। मुख्य यजमान की भूमिका में जम्मू के उद्योगपति संजय पूरी, पवन सुधा गुप्ता कैनेडा, सुदर्शन सुषमा मित्तल, मनीष कमलेश दुरेजा तथा सीए ज्ञानचंद गर्ग बेंगलुरु रहेंगे। कन्यादान सानिध्य कार्यक्रम में कुंवरवीर सिहाग, सीए गोबिंद सिंगला, हिमांशु चौधरी, राकेश कुमार रामां मंडी, मनमोहन गर्ग, वरुण सिंगला, अजय सेठी, सचिन शीनू बांसल तथा मनोज बांसल चेन्नई विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। श्री आनंद कारज स्थल पर जीवन का नया अध्याय शुरू करने वाले नव विवाहितों को शुभाशीष देने के लिए मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन बलदेव सिंह मांगेआना, राजीव सचदेवा, नसीबचंद गार्गी के अलावा वरच्युस क्लब तथा स्वर्णकार संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

Thursday, 20 February 2025

नई बनी सड़कें टूटना शुरु हो गई

किसान बोले-नई बनी सड़कें टूटना शुरु हो गई, ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो

एसडीएम अर्पित संगल को सौंपा ज्ञापन, महीने में तीन हफ्ते मांगा पानी, भाखड़ा की री माडलिंग की मांग



डबवाली :

वीरवार को किसान एकता डबवाली के बैनर तले किसानों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर डबवाली के एसडीएम अर्पित संगल को एक मांग पत्र सौंपा। जिसमें नहरी पानी की समस्या को मुख्य रुप से उठाया।

किसानों ने एसडीएम को बताया कि महीने में सिर्फ एक सप्ताह ही सिरसा जिला की नहरों में सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है। हरियाणा किसान एकता डबवाली के प्रधान मनदीप सिंह देसूजोधा ने प्रशासन से मांग की कि डबवाली उपखंड क्षेत्र के गांवो के किसानों को सिंचाई हेतू महीने में लगभग तीन सप्ताह पानी दिया जाए ताकि किसान अपने फसलों की सिंचाई कर सके। भाखड़ा नहर की री माडलिंग की जाए। 

हरियाणा किसान एकता डबवाली के उप प्रधान गुरपाल सिंह मांगेआना ने बताया कि बेसहारा पशु तथा जंगली सूअर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों ने मांग की कि प्रशासन बेसहारा पशुओं तथा सूअरों को पकड़कर किसी सुरक्षित जगह पर लेजाकर छोड़ दिया जाए ताकि यह जानवर फसलों को नुकसान न पहुंचाएं। संतोख सिंह खालसा व गुरदीप सिंह भुल्लर ने मांग की कि डबवाली उपखंड क्षेत्र के कई गांवो की सड़के जो अभी-अभी बनी है, बनने के साथ ही टूटती जा रही हैं। किसानों ने बताया कि सावंतखेड़ा-मांगेआना, कालांवाली से हैबुआना रोड नई बनी है, ये सड़कें टूटनी शुरु हो गई हैं। इन सड़कों में जो सामग्री प्रयोग हुई है, उसकी गुणवत्ता की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से करवाई जाए। किसानों ने दोषी ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई है। किसानों ने यह भी मांग की कि पिछले पांच वर्षों में डबवाली उपखंड में बनी सड़कों की गुणवत्ता जांच करवाई जाए। इस मौके पर प्रदीप सिंह माखा, मिट्ठू कंबोज, जगदीप लोहगढ़, जगमीत सिंह मौजगढ़, अमरीक सिंह माखा मौजूद थे।

Monday, 17 February 2025

स्वच्छ पेयजल बनाम मौत

स्वच्छ पेयजल के लिए भागदौड़ बनी मौत का कारण

डबवाली से सटे पंजाब क्षेत्र में हुआ दर्दनाक हादसा, चाचा के साथ पानी भरने आए बच्चे की मौत

मंडी किलियांवाली की 20 हजार आबादी स्वच्छ पेयजल के लिए गांव में स्थित सात आरओ प्लांट पर निर्भर



डबवाली (एएनएन)।

सोमवार को डबवाली से सटी जिला श्री मुक्तसर साहिब की मंडी किलियांवाली में ट्रैक्टर-ट्राली तले कुचले जाने से 10 वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। मौत की असली वजह सामने आई स्वच्छ पेयजल। वजह वाकई चौंकाने वाली है। क्यांेकि स्वच्छ पेयजल लेने के लिए ही बच्चा अपने चाचा के साथ आरओ केंद्र पर आया था। मृतक की पहचान मंडी किलियांवाली के वार्ड नंबर 11 निवासी मजदूर विक्की के बेटे दीपक उर्फ दीपू के रुप में हुई है।

हादसा सुबह मंडी किलियांवाली को भाटी कालोनी से जोड़ने वाली सड़क पर बने निजी आरओ केंद्र के बाहर हुआ। यह केंद्र धागा फैक्टरी के समीप स्थित है। बताते हैं कि बच्चा अपने चाचा प्रवीण के साथ बाइक पर आरओ प्लांट से पानी भरने आया था। हाथ में कैंपर था। प्लांट बंद था, इस वजह से दोनों एक अन्य प्लांट पर जा रहे थे। इसी दौरान बच्चे के हाथ से कैंपर छूट गया। कैंपर नीचे गिरा तो उसे संभालते-संभालते बच्चा भी नीचे गिर गया। सामने से आ रहे ट्रैक्टर-ट्राली ने बच्चे को कुचल दिया। घटनाक्रम की जानकारी देते हुए प्रवीण ने बताया कि उसने चालक को रुकने के लिए आवाज़ लगाई। चालक ने पीछे मुड़कर देखा और ट्रैक्टर भगा लिया। हादसा इतना दर्दनाक था कि बच्चे का मांस सड़क पर बिखर गया।

मृतक के चाचा प्रवीण ने बताया कि उसका भतीजा सबसे छोटा था। उससे दो बड़े भाई तथा एक बहन है। दीपू स्कूल नहीं पढ़ने जाता था। वे लोग पानी भरने के लिए आओ प्लांट पर आते हैं। सूचना पाकर मंडी किलियांवाली पुलिस मौका पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए गिदडबाहा के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। पुलिस ने वारदात स्थल के समीप लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के लिए डीवीआर को अपने कब्जे में लिया है।

स्वच्छ पानी के लिए आरओ प्लांट पर निर्भरता

मंडी किलियांवाली की आबादी करीब 20 हजार है। वोटरों की संख्या 6865 है। आबादी 11 वार्डों में फैली हुई है। डबवाली से बिल्कुल सटा हुआ इलाका है मंडी किलियांवाली। लेकिन स्वच्छ पेयजल के लिए लोग मारे-मारे फिरते हैं। गांव के सरपंच गुरमेल सिंह टोनी ने बताया कि सीवरेज की समस्या है। सफाई न होने के कारण घरों में सीवरेज युक्त पेयजल की आपूर्ति होती है। ऐसे में सभी लोग आरओ प्लांट पर निर्भर हैं। गांव में सात से ज्यादा आरओ प्लांट हैं। इन प्लांटों से ही पेयजल आपूर्ति होती है। आज बच्चे की मौत हुई है। उसका कारण भी पेयजल है। वह कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुका है। लेकिन अधिकारी कहते हैं कि सीवरेज सफाई के लिए उनके पास बजट ही नहीं है।

संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज की जीवन गाथा

विशाल वार्षिक फाल्गुन मेले के अवसर पर संत बाबा श्री रामगिर जी महाराज की जीवन गाथा -13 मार्च को गांव पन्नीवाला रुलदू में स्थित समाध स्थल पर ल...